Sukh Samridhi Pradayak Annapurna Prayog :
अन्नपूर्णा प्रयोग किसी भी शुक्रवार की रात्रि 10 के बाद करे । अथवा ब्रह्म मुहूर्त में करे । आपके पास जो भी आसन वस्त्र हो उसका प्रयोग करे । पीला हो तो अति उत्तम है । उत्तर की और मुख कर बैठ जाये । सामने भूमि पर एक लाल वस्त्र बिछा दे ।
उस पर एक मिटटी की मटकी रखे । मटकी पर कुमकुम की 7 बिंदी लगाये । और मटकी का सामान्य पूजन करे । घी का दीपक लगाये । कोई मीठी चीज़ भोग में अर्पण करे ।
माँ अन्नपूर्णा से प्रार्थना करे की वो आपके जीवन में अन्न, धन आदि के भंडार भरे तथा आपको गृहस्थी का पूर्ण सुख प्रदान करे ।
अब निम्न अन्नपूर्णा प्रयोग (Annapurna Prayog) मंत्र को पढ़ते जाये और मटकी में थोड़े थोड़े अक्षत डालत जाये । स्मरण रखे आपको मटकी अक्षत से पूरी भरनी होगी । जब तक मटकी भर न जाये साधना बिच में न छोड़े । और आपको अक्षत भी थोड़े थोड़े ही डालने है । जल्दी समाप्त करने के चक्कर में मुट्ठी भर भर कर न डाले ।
जिस तरह हम अंगुष्ठ मध्यमा और अनामिका से यज्ञ में आहुति डालते है उसी प्रकार आपको अक्षत डालना है ।
जब ये अन्नपूर्णा प्रयोग क्रिया पूर्ण हो जाये तब माँ से पुनः प्रार्थना करे । तथा दंडवत प्रणाम करे । यदि क्रिया रात्रि में की है तो अगले दिन और यदि प्रातः की है तो उसी दिन ये मटकी किसी देवी मंदिर में रख आये साथ ही कुछ दक्षिणा भी रख दे ।
प्रसाद घर के सभी सदस्य ले सकते है । लाल वस्त्र भी मंदिर में ही रख कर आना है।
Annapurna Prayog Mantra :
॥ ॐ ह्रीं अन्नपूर्णेश्वरि ह्रीं नमः ॥
ये एक दिवसीय अन्नपूर्णा प्रयोग (Annapurna Prayog) आपके जीवन के कई संकट दूर कर देगा । घर से रोग दूर हो जाते है । धन आदि में वृद्धि होती है । तथा घर में रात दिन होने वाले कलह शांत हो जाते है ।
तथा माँ अन्नपूर्णा की कृपा से साधक की गृहस्थी में पूर्ण सुख लौट आता है । आवश्यकता है इसे पूर्ण विश्वास से करने की ॥
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जय माँ कामाख्या