काली काम्य प्रयोग की विधि

Kaali Kaamya Prayog Ki Vidhi :

मासिकधर्मा स्त्री के कुलागार को देखता हुआ दस हजार जप करे तो साधक परमबिद्वान होता है ।
 
खुले बाल रखकर नग्न परस्त्री को देखता हुआ साधक दस हजार जप करता है तो बह बाग्मी होता है ।
 
धन की कामना बाला कुलाड्गना के साथ लता साधना करते हुये जप करे ।
 
रजोबस्था में तीन दिन लता पूजन करने पर काली काम्य प्रयोग (Kaali Kaamya Prayog) सिद्धि होबे ।
 
मस्तिष्क में त्रिकूट लिख्कर पूजन करे ।
 
उड्डियान पीठ में योगनिद्रा का पूजन करे । कामरूप पीठ में कात्यायनी का, जालन्धर पीठ में पूर्णेशी, पूर्णागिरी पीठ में चण्डी का, कामरूप पीठ में कामाक्षी ब बिन्ध्यबासिनी का पूजन करे । सातों चक्र पीठों में सात लाख जप करे । सभी पीठों में महिषमर्दिनी का पूजन करे ।
 
शक्ति के पैर, जंघा, स्तन, शिर, बिन्दु ब शरीर का पूजन करे ।
 
प्रदोष काल में श्मशान या शून्य गृह में जाकर उत्तर की और मुंह करके भूतशुद्धि ब न्यास करे ।
 
सिन्दुर से नबकोण, बृत,अष्टदल, बृत ब भूपुर बनाये । मध्य में शक्ति बीज (सौ:) लिखे । कुमारी के सम्मुख उसकी स्थापना करे । पीठ पूजन कर १२ बार प्राणायाम करे ।
 
मुण्ड पर मुण्ड हो उस पर दीप का सात्रिधान करे । यह काली काम्य प्रयोग (Kaali Kaamya Prayog) का एक अद्भुत प्रयोग है , यह प्रयोग में कुमारी पूजन करे तो देबी प्रसन्न होकर समस्त संपदा देती है ।

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जय माँ कामाख्या

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