कौए का महा अपशकुन

Kauve ka Maha Apshakun :

यदि कौआ मैथुन करता हुआ दिखाई दे तो उसे महा अपशकुन (maha apshakun) समझना चाहिए । ऐसा दृश्य भय, प्रबास, उद्द्येग, बिद्वेष, ब्याधि, धन हानि, कुल हानि, बुद्धि नाश, बिबाद आदि का सूचक होता है । जिस देश में ऐसा अपशकुन दिखाई देता है, बहाँ बर्षा नहीं होती तथा अकाल, अग्नि, चोर, शत्रु एबं भूत आदि का भय प्रकट होकर, धर्म की हानि होती है । श्वेत रंग बाले काक को मैथुन करते हुए देखने का भी ऐसा ही अशुभ फल होता है ।

जो ब्यक्ति कौए को मैथुन करता हुआ देखे, उसे चाहिए कि बह इस दोष की शान्ति के लिये तुरंत ही स्नान कर, यथा शक्ति दान करे । फिर जितना दिन शेष रहे, बह सारा समय भजन, दान पुण्य के कार्य करते हुए ही बिताना चाहिए । उस दिन अन्न आदि का भोजन करना उचित नहीं है । रात्रि के समय पृथ्वी पर आसन बिछा कर शयन करना चाहिये तथा दूसरे दिन प्रात: काल एक समय भोजन करके ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए एबं कौओं को भोजनादि देना चाहिये । इक्कीस दिन तक एक ही आसन पर शयन, एक समय भोजन तथा ब्रह्मचर्य का पालन आबश्यक है ।

कौए को मैथुन करते हुए देखना महा बिपतिजनक (Maha Apshakun) कहा गया है, अत: उसकी शान्ति का पूरा –पूरा प्रयत्न करना उचित है ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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