रक्षा मंत्र : “ओम काली काली महाकाली,
इन्द्र की बेटी, ब्रह्मा की साली,
उड के बैठी पीपल की डाली,
दोनों हाथ बजाये ताली,
जहाँ जाये बश्र की ताली,
बहाँ न आये दुशमन हाली,
दुहाई कामरु कामाख्या नैना योगिनी की,
इश्वर महादेब, गौरा-पार्बती की,
दुहाई बीर मसान की,
तुझो महाकाली की आन,
महादेब की शान पार्बती की बान,
रख्या करना मेरी बीर,
सदा चढाये रखना तीर,
शव्द सांचा, पिण्ड कांचा,
फुरे मंत्र ईश्बरोबाचा !!”
काली सिद्धि किये हुए कोई सिद्ध पुरूष किसी के ऊपर सात बार रक्षा मंत्र (Mahakali Raksha Mantra) पढते फिरे दे, तो बह हर प्रकार के खतरों से सुरखित रहता है ।
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जय माँ कामाख्या