मित्र बिद्वेषण मंत्र

Mitra Bidvheshan Mantra :

मंत्र : “ॐ नमो आदेश गुरु सत्य नाम का । बारहा सरसों तेरहा
राई, बाट की मीठी – मसान की छाई । पटक मारुकर
जलबार “अमुक” फूटे देखन “अमुक” द्वार ।
मेरी भक्ति , गुरु की शक्ति । फुरो मंत्र “ईश्वरो” बाचा ।।”

Mitra Bidvheshan Mantra Vidhi :

इस मंत्र को ग्रहण कालादि में सिद्ध करने के बाद थोड़ी पिली सरसों , थोड़ी राई , थोड़ी मेथी , आम और ढाक बृक्ष की सूखी लकड़ी लें आयें और फिर श्मशान में जाकर किसी चिता की राख लें आयें । अब हबन हेतु बेदी बनाकर सभी सामग्री को मिलाकर मंत्रोचारण करते हुए हबन करें, तो दोनों मित्रों में परस्पर बिद्वेषण हो जाएगा ।

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