Tantrik Bandhan Nashak Mantra Ka Prayog :
मंत्र : “अब पारिस संभ्रम कायबेध ,छेद का ज्ञान बिज्ञान ,फूटे ।
अमुकार गाय हंका चंडी तो , हमारे माशील पाथर परे ।
अमुकार गासे मारैस समारै, रोडांब उल्टा बेधे। बिरूपाक्ष
बिराली ,उल्टा बेधे – पिण्डोमानायै। मोरे पिंडे करे, घा उल्टा
बेधे । डांक्तुलखा: फोड़ – फोड़ ,दंडी बिरुपाक्षरे आज्ञा।।”
Tantrik Bandhan Nashak Mantra Vidhi :
साधक इस मंत्र की सिद्धि अपरांत प्रयोग समय जब किसी को तांत्रिक बंधन से मुक्त कराबाना हो तो ,रोगी को प्रातः काल इस मंत्र से शक्तिकृत कर तीन घूट जल पिलायें तो तांत्रिक बंधन से मुक्ति मिलाती है यह प्रयोग इक्कीस दिन करें ।
ज्योतिष संभाबनाओं का बिज्ञान है । बाबजूद इसके आपका ज्ञान पका है तो सभाबनाएं भी परिनामों में बदल जाती हैं। एक ज्योतिष भी तो यही करता है । आपको “दुबिधा से बचाने सुबिधा” का मार्ग प्रशस्त करता है।ज्योतिष के सटीक उपाय 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक फायदा जरुर पहुंचाते हैं। आप भी यह दिया गया प्रयोगं और उपायों को बेहिचक आजमा सकते हैं ।इन प्रयोगों से आपकी समस्याएं निशिचत रूप से हल हो जाएंगी , फिर भी यदि आप कुंडली दिखाकर कुछ और भी जानना चाहते है तो मोबाइल नो +91-9438741641 पर संपर्क कर सकते हैं।