Pushpadeha Apsara Shabar Mantra Sadhana :
गुरु गोरखनाथ प्रणित यह पुष्पदेहा अप्सरा साधना अचुक और प्रामाणीक है । अप्सरा साधना से रूपवती स्त्री का आकर्षण होता है, साधना सफल होने पर अप्सरा आपको स्वर्ग से द्रव्य और दिव्य रसायन लाकर देगी , जिसे पीने के बाद आपको कभी बुड़ापा नही आएगा ।
मेनका अप्सरा सिद्ध् पुरुष जो ब्रम्हश्री कहेलाये और उन्होने स्वयं विश्वामित्र ने यह कहा है ‘कि पुष्पदेहा अप्सरा (Pushpadeha Apsara) के समान अन कोइ अप्सरा स्वर्गलोक मे हो ही नही सकती, इसके आगे सभि सिद्धो ने स्वीकार्य किया है “कि पुष्प से भी ज्यादा सुंदर, पुष्प से भी ज्यादा कोमल और पुष्पदेहा अप्सरा से ज्यादा योवनवति और सुंदर अप्सरा है ही नही, पुष्पदेहा अप्सरा का सौन्दर्य तो इतना अद्वितीय है कि इसके शरीर से निरंतर मादक, मनमोहक, कामभाव को उत्तेजित करने वाला सुगंध प्रवाहित होता रहता है ।
पुष्पदेहा अप्सरा इतनी नाजुक है कि एक बार उसको जो भी देख ले वह उसको जिंदगी भर नही भुला सकता, उसके नयन अत्यंत दर्शनीय है ।
आज लाखों लोग अप्सरा साधना करना चाहते है, पर एक बात याद रखें कि उसका सही प्रयोग करेंगे तो जीवन में किसी वस्तु की कामना बाकी नही रहेगी । कौन नही चाहता कि स्वर्ग की सबसे शक्तिशाली अप्सरा उसके साथ हो वो चाहे तो आपको स्वर्ग का दर्शन भी करा सकती है ।
Benefits Of Pushpadeha Apsara Sadhana :
1:- जो साधक पूर्ण रूप से हष्ट पुष्ट होते हुए भी आकर्षक व्यक्तित्व न होने के कारण अन्य लोगों को अपनी और आकर्षित नहीं कर पाते हैं तथा हीन भावना से ग्रस्त होते हैं , इस पुष्पदेहा अप्सरा साधना के प्रभाव से उनका व्यक्तित्व अत्यंत आकर्षक व चुम्बकीय हो जाता है तथा उनके संपर्क में आने वाले सभी लोग उनकी और आकर्षित होने लगते हैं ।
2:- जो साधक मन के अनुकूल सुंदर जीवन साथी पाना चाहते हैं किन्तु किसी कारणवश यह संभव न हो रहा हो, इस साधना के प्रभाव से उनको मन के अनुकूल सुंदर जीवन साथी प्राप्त होने की स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिल जाता है ।
3:- जिन साधक के वैवाहिक, पारिवारिक, सामाजिक जीवन में क्लेश व तनाव की स्थिति उत्पन्न हो, इस साधना के प्रभाव से उनके वैवाहिक, पारिवारिक व सामाजिक जीवन में प्रेम सौहार्द की स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं ।
4:- जो व्यक्ति अभिनय के क्षेत्र में सफल होने की इच्छा रखते हैं किन्तु सफल नहीं हो पाते हैं, इस साधना के प्रभाव से उनके अंदर उत्तम अभिनय की क्षमता की वृद्धि होने के साथ-साथ अभिनय के क्षेत्र में सफल होने की स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं ।
5:- जो साधक युवावस्था में होने पर भी पूर्ण यौवन से युक्त नहीं होते हैं, इस साधना (Pushpadeha Apsara Sadhana) से उनके अंदर उत्तम यौवन व व्यक्तित्व निखर आता है ।
6:- जो साधक/साधिका सुन्दर रूप सौन्दर्य की इच्छा रखते हैं किन्तु प्रकृति द्वारा कुरूपता से दण्डित हैं, इस साधना के प्रभाव से उनके अंदर आकर्षक रूप सौन्दर्य निखर आता है ।
7:- जो साधक कार्यक्षेत्र में मन के अनुकूल अधिकारी या सहकर्मी न होने के कारण असहज परिस्थियों में नौकरी करते हैं, या नौकरी चले जाने का भय रहता है, इस साधना के प्रभाव से उनके अधिकारी व सहकर्मी उनके साथ मित्रवत हो जाते हैं तथा नौकरी चले जाने का भय भी समाप्त हो जाता है ।
8:- जो साधक ऐसा मानते हैं कि वह अन्य लोगों को अपनी बात या कार्य से प्रभावित नहीं कर पाते हैं, इस साधना के प्रभाव से उनका व्यक्तित्व अत्यंत आकर्षक व चुम्बकीय हो जाता है तथा उनके संपर्क में आने वाले सभी लोग उनकी और आकर्षित होकर उनकी बातों या कार्य से प्रभावित होने लगते हैं ।
9:- जो पुरुष/स्त्री जिवन मे अपने जिवनसाथी से प्राप्त होनेवाले सुखो से वंचित हो उनके लिये तो यह साधना (Pushpadeha Apsara Sadhana) सबसे ज्यादा करना उत्तम है क्युके इस साधना से पुरुष/स्त्री मे कामतत्व जाग्रत होकर जिवन मे पुर्ण सुख प्राप्त किया जाता है ।
उपरोक्त विषयों में अत्यंत कम समय में ही अपेक्षित परिणाम देकर आनंदमय जीवन को प्रशस्त करने वाली यह अप्सरा साधना अवश्य ही संपन्न कर लेनी चाहिए, जिससे निश्चित ही आप अपनी इच्छा की पूर्णता को प्राप्त कर सकते हैं व आनंदमय भौतिक जीवन व्यतीत कर सकते हैं क्योंकि अप्सराएं सौन्दर्य, यौवन, प्रेम, अभिनय, रस व रंग का ही प्रतिरूप होती हैं, अतः इनका प्रभाव जहाँ भी होता है वहां पर सौन्दर्य, यौवन, प्रेम, अभिनय, रस व रंग ही व्याप्त होता है ।
अप्सराओं की साधना अनेक रूपों में की जाती है, जैसे माँ, बहन, पुत्री, पत्नी अथवा प्रेमिका के रूप में इनकी साधना की जाती है, ओर साधक जिस रूप में इनको साधता है ये उसी प्रकार का व्यवहार व परिणाम भी साधक को प्रदान करती हैं, अप्सराओं को पत्नी या प्रेमिका के रूप में साधने पर साधक को कोई कठिनाई या हानी नहीं होती है, क्योंकि यह तो साधक के व्यक्तित्व को इतना अधिक प्रभावशाली बना देती हैं कि साधक के संपर्क में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति अप्सरा साधक के मन के अनुकूल आचरण करने लगता है और अप्सरा को प्रत्यक्ष कर लिए जाने पर वह बिना किसी बाध्यता के साधक की सभी इच्छाओं की पूर्ति करती है ।
माँ के रूप में साधने पर वह ममतामय होकर साधक का सभी प्रकार से पुत्रवत पालन करती हैं तो बहन व पुत्री के रूप में साधने पर वह भावनामय होकर सहयोगात्मक होती हैं, ओर पत्नी या प्रेमिका के रूप में साधने पर उस साधक को उनसे अनेक सुख प्राप्त हो सकते हैं । अनेक प्रकार के द्रव्य अप्सरा साधक को स्वयम ही प्रदान करती है ।
Pushpadeha Apsara Sadhana Samagri :
समाग्री : – पुष्पदेहा आकर्षण सिद्धि यंत्र, गुटिका , सिफलल्या मुद्धिका , स्फटिक का माला , गुलाब का इत्र ।
Pushpadeha Apsara Sadhana Vidhi :
सबसे पहिले किसी बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाये और उस पर एक चावल का ढेरि बनाये, चावल कुम्कुम से रंगे होने चाहीये । अब चावल पर “पुष्पदेहा आकर्षण सिद्धि यंत्र” स्थापित करके मंत्र का जाप करना है। इस पुष्पदेहा अप्सरा साधना (Pushpadeha Apsara Sadhana) मे स्फटिक का माला होना जरुरी है, साधना (Pushpadeha Apsara Sadhana) सात दिवसीय है और शुक्रवार से शुरू करना है, मंत्र का नित्य 11माला जाप करना जरुरी है ।
साधक का मुख उत्तर दिशा के तरफ होना चाहीये, आसन-वस्त्र भी लाल रंग के होने चाहिये। यंत्र (Pushpadeha Apsara Yantra) पर रोज गुलाब का इत्र और पाच गुलाब के फूल चढाये, घी का दिपक लगाये जो मंत्र जाप के समय प्रज्वलित रहे, धूप भी गुलाब का ही होना जरुरी है ।
मंत्र (Pushpadeha Apsara Mantra) जाप के समय नजर यंत्र के तरफ हो और बिना यंत्र के साधना ना करे क्युके इस यंत्र मे विशेष उर्जा है जो अप्सरा को स्वर्ग से लेकर पाताल लोक तक आकर्षित करने का क्षमता युक्त है ।
।। ॐ आवे आवे शरमाती पुष्पदेहा प्रिया रुप आवे आवे हिली हिली मेरो कह्यौ करै, मनचिंतावे, कारज करे वेग से आवे आवे, हर क्षण साथ रहे हिली हिली पुष्पदेहा अप्सरा फट् ॐ ।।
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जय माँ कामाख्या