चाण्डाल साधना
चाण्डाल साधना विधि :
January 24, 2024
बीर साधना
बीर साधना के विधान :
January 24, 2024
शब साधना

शब साधना :

शब साधना निर्भर करती है साधक के मनोबल पर । यदि उच्चकोटि के युबा मनुष्य का शब मिल जाए और बह सिद्ध कर लिया जाए तो साधक इस साधना के स्तर तक पहुंच सकता है ।

परिचय : शब साधना बहुत प्राचीन साधना है । यह त्रेता के उतरार्ध से चली आ रही है । यह असल में प्रेतबिद्या का ही एक अंग है । देबर्षि नारद और राबण आदि ने भी शब साधनाएं की थीं । इस साधना के लिए बलबान आदमी के शब को लाना चाहिए या युब तांत्रिक के शब को ।

साधना फल: शब की क्रिया (अन्त्येष्टि) न होने तक शब का प्रेत शब के आसपास रहता है और साधना से सिद्ध होकर साधक के आसपास रहकर साधक के कार्यो में सहायक होने लगता है । किंतु यह बहुत भयंकर साधना है । बहुत साहसी साधक ही इसे कर पाता है । इसमें जब मरा हुआ मुर्दा बोलता है तो साधक डर जाता है ।

साधना स्थल : शब साधना सूने निर्जन श्मशानों में की जानी चाहिए। नदी तट के श्मशान, सागर तट के श्मशान, पर्बत घाटी के श्मशान अथबा सूने जंगली श्मशान ही इसके लिए उचित भूमि होते हैं। जहाँ जरा –सी भी मानबीय बिघ्न की सम्भाबना ही न हो । अन्यथा बिघ्न होने से साधक के प्राणों का संकट उत्पन्न हो जाता है ।

साधना बिधान : दिन ढलने से पूर्ब उसी दिन मरे मनुष्य का शब लाकर छिपाकर रख दें । दिन ढलने पर स्नानकर सूने श्मशान में श्मशानेश्वर का पूजन करें । फिर शब को नहलाकर उसे नए बस्त्र पहनाबें उसका पूजन कर दाल-भात, पानी रखें फिर उसके मुंह में आधा बोतल मदिरा उडेल दें कि पेट में भर जाबे । फिर शब के मुंह की और मुंह कर शब की छाती पर पद्मासन लगाकर बैठ जाएं, तनिक भी न डरे और नीचे लिखे मंत्र का जप करें । हजार जप पूरा होने पर एक घूंट मदिरा पिला दें । ५००० पूरा होते बो बोले तो पूरी बोतल पिलाकर बर मांग ले ।

शब साधना मंत्र : ॐ नमों कालिके शबमन साधय साधय कालिकायै नम: ॐ।। इस मंत्र का पांच अमाबस्या हर बार नए शब पर बैठकर ५००० जप रातभर करना होता है ।

साधना पश्चात् : साधना के पश्चात् मरे हुए शब का प्रेत सदैब आसपास रहने लगता है उससे जब भी काम लेना हो तो पांच अगरबती जलाकर एक माला निम्न मंत्र जप करें- ॐ नमो प्रेतराज मम कार्य कुरूतो नम: ।।

कार्य हो जाने पर रात में प्रेत को दाल, भात, जल और मदिरा देबें। भोजन निर्जन में जाकर देबें। प्रत्येक अमाबस, पूर्णमासी को भी उसे भोजन देबें तथा उसका पूजन करें तभी प्रसन्न रहता है ।

Facebook Page

नोट : यदि आप की कोई समस्या है,आप समाधान चाहते हैं तो आप आचार्य प्रदीप कुमार से शीघ्र ही फोन नं : 9438741641{Call / Whatsapp} पर सम्पर्क करें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *