कुंजिका स्तोत्र के आवश्यक नियम

कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotra) दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ की एक अद्भुत साधना मंत्र है ।जिसके चलते हुए साधना अनुष्ठान करने की पश्चात साधक को उसके अनुरूप इच्छा की हिसाब से साधना में सिद्धि प्राप्ति करता है। कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotra) को छोड़कर कुछ करना संभब नही है ।
१. साधना काल मे ब्रह्मचर्य का पालन करना आवशयक है। शारीरिक और मानसिक रूप से भी ।
२. साधक भूमि शयन करे ।
३. कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotra) के समय मुख मे पान ऱखा जाएं तो इससे माँ प्रसन्न होती है। इस पान मे चुना, कत्था और ईलायची के अतिरिक्त और कुछ ना ड़ाले। कई साधक सुपारी और लौंग भी डालतें है पर इतनी देर पान मुख मे रहेगा तो सुपाऱी से जिव्हा कट सकती है तथा लौंग अधिक समय मुख मे रहे तो छाले कर देति है। अतः ये दो वस्तु ना ड़ाले।
४ अगर नित्य कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotra) समाप्त करने के बाद एक अनार काटकर माँ को अर्पित किया जाये तो इससे साधना का प्रभाव और अधिक हो जाता है। परन्तु ये अनार साधक को नहीं ख़ाना चाहिए ये नित्य प्रातः गाय को दे देना चाहिए।
५. कुंजिका (Kunjika Stotra) अनुष्ठान के समय नित्य प्रातः पूजन के समय किसी भी माला से ३ माला नवार्ण मंत्र करे। इससे यदि साधना काल मे आपसे कोइ त्रुटि हो रही होंगी तो वो समाप्त हो जायेगी। वैसे ये आवश्यक अंग नहीं है फ़िर भी साधक चाहे तो कर सकते है।
6. जहा तक सम्भव हो साधना मे सभी वस्तुए लाल प्रयोग करे।
जब साधक उपरोक्त विधान के अनुसार कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotra) को जागृत कर ले, तब इस माध्यम से कई प्रकार के काम्य प्रयोग किये जा सकते है।
धन प्राप्ति केलिए कुंजिका प्रयोग :
किसी भी शुक्रवार कि रात्रि मे माँ का सामान्य पुजन करे। इसके बाद कुंजिका के ९ पाठ करे इसके पश्चात, नवार्ण मन्त्र से अग्नि मे २१ आहुति सफ़ेद तील से प्रदान करे। नवार्ण मंत्र में श्रीं बीज आवश्य जोड़ें।
।।श्रीं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः स्वाहा।। आहुति के बाद पुनः ९ पाठ करे। इस प्रकार ९ दिनों तक करने से धनागमन के मार्ग खुलने लगतें है।
शत्रु मुक्ति हेतु कुंजिका प्रयोग :
शनिवार रात्रि मे काले वस्त्र पर एक निंबू स्थापित करे तथा इस पर शत्रु का नाम काजल से लिख दे और इस नींबू के समक्ष ही सर्व प्रथम ११ बार कुंजिका का पाठ करे। इसके बाद ।।हूं शत्रुनाशिनी हूँ फट।। मन्त्र के ५ मिनट तक निम्बू पर त्राटक करते हुए जाप करे. फिर पुनः ११ पाठ करे। इसके बाद निम्बू कही भूमि मे गाङ दे। शत्रु बाधा समाप्त हो जायेगी।
रोग नाश हेतु कुंजिका प्रयोग :
नित्य कुंजिका के ११ पाठ करके काली मिर्च अभिमंत्रित कर ले। इसके बाद रोगी पर से इसे ७ बार घुमाकर घर के बहार फैक़ दे। कुछ दिन प्रयोग करने से सभी रोग शांत हो जाते है।
आकर्षण के लिए कुंजिका स्तोत्र का अनोखा प्रयोग :
कुंजिका स्तोत्र का ९ बार पाठ करे तत्पश्चात ।।क्लीं ह्रीं क्लीं ।। मन्त्र के १०८ बार जाप करे तथा पुनः ९ पाठ कुंजिका स्तोत्र के करे और जल अभीमंत्रित कर ले। इस जल को थोड़ा पी जाएं और थोड़े से मुख धो ले। सतत करते रहने से साधक मे आकर्षण शक्ति का विकास होता है ।
सभी साधना प्रयोग में विश्वास और लगन सबसे महत्वपूर्ण है । वहीं सार्थक होता है । प्रयोग शुरू करने से पूर्व गुरु आज्ञा, गुरु सानिध्य, उनके मार्ग दर्शन में किए गए प्रयोग जल्दी सिद्ध होते है । निर्विघ्न सम्प्पन भी होते हैं । गुरु का अनुभव और आशीष बड़ा कारगर होता है ।
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