कालिका आकर्षण मंत्र प्रयोग

Kaalika Aakarshan Mantra Prayog :

कृष्णाष्टमी मंगलबार तथा कृष्ण चतुर्दशी रबिबार को प्रात: काल नाभिमात्र जल में खड़े होकर मूलमंत्र का ग्यारह सौ बार जप करे । घर आकर शरीर पर तेल लगाकर पीठ पर अंजन से स्त्री या पुरुष की मूर्ति बनाबे फिर उसका लाजबन्ती के पत्रों से पूजन करे । लाजबन्ती के जड़ के रस से प्रोक्ष्ण करना चाहिये । फिर उसके आगे एक सौ आठ बार मंत्र (Kaalika Aakarshan Mantra) का जप करें ।

Kaalika Aakarshan Mantra :

मंत्र :- “ॐ नम: कालिकायै सर्बाकर्षिणयै अमुकीमाकर्षयाकर्षय शीघ्रमानयानय आं ह्रीं क्रों भद्रकाल्यै नम:”

इसके बाद पचास कने के फलों से अं अमुकीमाकर्षय आकर्षय नम: ।

आं अमुकीम्…… ईत्यादि पचास वर्णपूर्बक पचास मंत्रो से एक एक मंत्र द्वारा या प्रति पुष्प से उस आकार की पूजा करें । इसके बाद धूप दीप और नैवेद्य देकर उसके आगे अग्नि की स्थापना करे । घी से सिक्त चने तथा मधु द्वारा इस मंत्र का सौ होम करके कुमारी द्वारा काते गये कपास के काले अट्ठाइस तन्तुओ द्वारा निर्मित सूत अपने शरीर के नाप जितना लेबे । तत्पश्चात आकर्षण मंत्र (Kaalika Aakarshan Mantra) द्वारा एक सौ आठ ग्रंथि देबे इस प्रकार इस अभिमंत्रित सूत को धारण करने से साधक पूरुष स्त्री को आकृष्ट करता है ।

कुमारी द्वारा कपासनिर्मित काले धागे के अट्ठाइस तारों से निर्मित डोरी में एक सौ आठ गांठे देनी चाहिये । उस डोरी के धारण करने पुरुष या स्त्री शीघ्र आ जाते है । ग्राम में यदि बे हो तो तीन रात में और यदि ग्राम से बाहर हो तो नौ रातों में आ जाते हैं ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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