Madhumati Yogini Sadhana Kaise Kare ?
मधुमती देबी बिशुद्ध स्फटिक के सामान शुभबर्ण बाली, अनेक प्रकार के बस्त्रालंकारों से बिभुषित, पायजेब, हार, केयूर एबं रत्नजटित कुण्डलों से सुशोभित हैं ।
Madhumati Yogini Sadhana Mantra :
“ॐ ह्रीं आगच्छ अनुरागिणी मधुमती मैथुनप्रिये स्वाहा ।”
Madhumati Yogini Sadhana Vidhi :
नित्य कर्मादि से निबृत होकर, सर्बप्रथम भोजपत्र के ऊपर कुंकुम द्वारा एक स्त्री का चित्र बनाकर उसके बाह्य भोग में अष्टदल कमल स्थापित करें । फिर न्यासादि क्रियाएँ करके उसमे प्राणप्रतिष्ठा कर, प्रसन्न चित से देबी का ध्यान करें ।
उक्त बिधि से देबी का ध्यान करते हुए प्रतिपदा तिथि से साधन (Madhumati Yogini Sadhana) आरम्भ कर, पुष्प, धूप, दीप –नैबेद्य आदि उपहारों सहित तीनों संध्याकाल में देबी का पूजन करें तथा घृत का दीपक जला कर एबं धूप नित्य तीस दिन तक 1000 की संख्या में मंत्र का जप करें ।
तीसबें दिन पूरे दिन रात घृत का दीपक जलाकर मंत्र जप करते रहें । तब प्रात: काल के समय देबी साधक के समीप आकर उसे रति एबं भोज्य पदार्थो आदि से संतुष्ट रहेगी । तत्पश्चात बे साधक को प्रतिदिन देब, गन्धर्ब, नाग, दानब, बिद्याधर एबं पक्ष कन्याएँ, अनेक प्रकार के रत्न, आभूष्ण तथा भोज्य पदार्थ आदि देती रहेंगी । साधक की प्रत्येक इच्छा को पूर्ण करते हुए, बे उसे प्रतिदिन सौ स्वर्ण मुद्राये भी देती रहेंगी । योगिनी देबी को कृपा प्राप्त कर साधक स्वास्थ शरीर से दीर्घकाल तक जीबित बना रहता है तथा उसे सब कुच्छ कर दिखाने की सामर्थ प्राप्त हो जाती है । “मधुमती” योगिनी का सिद्ध होना सबसे बड़ा सौभाग्य माना गया है । यह देबी समस्त सिद्धियों को देने बाली हैं ।
तंत्र साधना कोई निकृष्ट कर्म नहीं, बल्कि चरम रूप है आराधना ,उपासना का । तंत्र के बारे में जानकारियों के अभाब ने ही आज हमसे छीन ली है देबाराधना की यह सबसे प्रभाबशाली पद्धति । यदि साधक में भरपूर आत्मबिश्वास और निश्चय में दृढ़ता है तो बह श्रद्धापूर्बक साधना करके आसानी से अलोकिक शक्तियों और आराध्यदेब की बिशिष्ट कृपाओं को प्राप्त कर सकता है । सिद्ध साधक बनने के लिए आबश्यकता है साधना के पूर्ण बिधि -बिधान और मंत्रो के ज्ञान । साधना और सिद्धि प्राप्त केलिए आज ही सम्पर्क करे और पाए हर समस्या का समाधान – 9438741641 (Call/ Whatsapp)