शत्रु मारण हेतु धूमाबती मंत्र

Shatru Maran Hetu Dhoomabati Mantra :

“धूम धूम धूमाबती ! मरघट में रहती , मसान जगाती । सूप
छानती, जोगानियों के संग नाचती । डाकानियों के संग
मांस खाती ।मेरी बैरी (……) का भी तू मांस खायै,
कलेजा खायै –लहू पियै –पियास बुझायै । मेरे बैरी को
तड़पा –तड़पा मार ना मारै, तो तोहुं को माता पारबती के
सिन्दूर की दुहाई । कनीपा औघड़ की आन ।।”

Dhoomabati Mantra Vidhi :

इस शत्रु मारण धूमाबती मंत्र (Shatru Maran Dhoomabati Mantra) की साधना इकतालिस दिनों की है, श्मशान में नित्य एक माला जप कर इसे सिद्ध करें। पश्चात् एक छोटा तिनाकों का सूप (छाज) बनाएं। एक छटांक शराब ब बकरे का थोड़ा कच्चा मासं लें।

अमाबस्या की रात्री में शमशान जाएं ,बहीं से एक कफ़न का टुकुडा प्राप्त कर, जलती चिता के समीप बैठे ।उक्त मंत्र (Dhoomabati Mantra) एक हजार आठ बार जपें और जप की समाप्ति पर मंत्रोचारण करते हुए चिता की भस्म उठायें, भस्म में थोड़ी शराब मिलाकर , कफ़न के टुकडे पर अपनी तर्जनी से उक्त मंत्र को लिखें।

(रिक्त स्थान पर शत्रु का नाम लिखे ) फिर उस पर मांस का एक टुकुडा रख कर चार तह बना दें। इसके बाद सूप में शेष मांस का टुकडा रख कर चार तह बना दे ।इसके बाद सूप में शेष मांस रखकर ,शराब उड़ेल दें और मंत्र जपते हुए चिता में डाल दें। पुन: कफ़न का बह टुकड़ा लाकर शत्रु के यहां डाल आयें, तो शत्रु का नाश होगा ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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